इससे पहले कवि हरीश चंद्र पाण्डे ने अपने अब तक के साहित्यिक जीवन और बचपन को याद करते हुए कहा कि १६ से १७ तक की उम्र प्रत्येक के लिए पूँजी की तरह होते हैं। कार्यक्रम के अंत में उन्होंने अपनी कुछ कविताएँ सुनाई।
आए हुए अतिथियों का स्वागत कवि और अनहद पत्रिका के संपादक संतोष चतुर्वेदी ने किया। मंच संचालन किया अभिव्यक्ति के संयोजक शिवानन्द मिश्र ने।
कार्यक्रम में गोपाल रंजन, अनीता गोपेश, नीलम शंकर, सुधीर सिंह, सीमा आजाद, विश्वविजय, अनिल रंजन भौमिक, लक्ष्मण प्रसाद गुप्त, अवनीश यादव, एकता शुक्ला, प्रकर्ष मालवीय विपुल, आशुतोष कुमार, तजस्वी सिंह, नीलेश मिश्र, आशीष मिश्र, अरविंद गौतम, अविशेष यादव, विवेक सिंह, पुष्प राज सिंह, रामप्रकाश श्रीवास्तव, हजारी लाल सिंह आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।