इससे पहले कवि हरीश चंद्र पाण्डे ने अपने अब तक के साहित्यिक जीवन और बचपन को याद करते हुए कहा कि १६ से १७ तक की उम्र प्रत्येक के लिए पूँजी की तरह होते हैं।

इससे पहले कवि हरीश चंद्र पाण्डे ने अपने अब तक के साहित्यिक जीवन और बचपन को याद करते हुए कहा कि १६ से १७ तक की उम्र प्रत्येक के लिए पूँजी की तरह होते हैं। कार्यक्रम के अंत में उन्होंने अपनी कुछ कविताएँ सुनाई।


    आए हुए अतिथियों का स्वागत कवि और अनहद पत्रिका के संपादक संतोष चतुर्वेदी ने किया। मंच संचालन किया अभिव्यक्ति के संयोजक शिवानन्द मिश्र ने।


    कार्यक्रम में गोपाल रंजन, अनीता गोपेश, नीलम शंकर, सुधीर सिंह, सीमा आजाद, विश्वविजय, अनिल रंजन भौमिक, लक्ष्मण प्रसाद गुप्त, अवनीश यादव, एकता शुक्ला, प्रकर्ष मालवीय विपुल, आशुतोष कुमार, तजस्वी सिंह, नीलेश मिश्र, आशीष मिश्र, अरविंद गौतम, अविशेष यादव, विवेक सिंह, पुष्प राज सिंह, रामप्रकाश श्रीवास्तव, हजारी लाल सिंह आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।


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कोरोना: मुस्लिम धर्मगुरुओं की अपील, शब-ए-बारात पर कब्रिस्तान न जाएं
एम्स के ट्रामा सेंटर, झज्जर स्थित कैंसर अस्पताल, बर्न व प्लास्टिक ब्लॉक में कोरोना वायरस के लिए विशेष तौर पर इंतजाम किए जा चुके हैं। साथ ही एम्स ने 150 बिस्तरों को अलग से आरक्षित कर लिया है। एम्स प्रबंधन के अनुसार कोरोना वायरस से जुड़ी हर स्थिति से निपटने के लिए वे तैयार हैं।
कर्नाटक प्रदेश औकाफ बोर्ड ने निर्देश दिया है कि 9 अप्रैल को शब ए बरात के दौरान कोई भी मस्जिद में जाकर सामूहिक प्रार्थना न करे। साथ ही पूरे प्रदेश में लोगों के दरगाह या कब्रिस्तान जाने का कार्यक्रम भी रद्द रहेगा।
उन्होंने कहा कि हम सभी मुसलमानों से अपील करते हैं कि वो शब-ए-बारात पर घर पर ही रहकर इबादत करें। वो दुआ के लिए कब्रिस्तान नहीं जाएं और घर पर रहकर ही दुआ करें।
इस बार शब-ए-बारात 8-9 अप्रैल की रात है। इस्लामी कैलेंडर में इस रात को पवित्र माना जाता है और इस मौके पर लोग मस्जिदों में इबादत करते हैं और अपने दिवंगत परिजन और रिश्तेदारों के लिए दुआ मांगने कब्रिस्तान जाते हैं।