दादी माँ के मोटे होने के नुकसे

केला और दूध
केले और दूध का सेवन एक साथ करने से आसानी से वजन बढ़ाया जा सकता है। जो लोग अपना वजन बढ़ाना चाहते हैं वो रोज सुबह खाली पेट दो केले खाएं और केला खाने के बाद दूध पी लें। एक महीने तक रोज दो केले और दूध खाने से आपका वजह बढ़ जाएगा।


पनीर खाए
पनीर बेहद ही ताकतवर आहार होता है और इसे खाने से वजन बढ़ जाता है। इसलिए वजन बढ़ाने के लिए आप अपनी डाइट में पनीर को भी शामिल कर सकते हैं। हालांकि आप पनीर का सेवन रात के समय ना करें और इसे हमेशा दोपहर के भोजन में ही शामिल करें।


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अंडे और दूध
अंडा और दूध भी वजन बढ़ाने के लिए अच्छा विकल्प हैं। अगर रोज सुबह दो अंडे और दूध एक साथ लिए जाएं तो वजन आसानी से बढ़ जाता है। रोज इन दोनों चीजों को एक साथ खाने से तेजी से वजन बढ़ाया जा सकता है।


चने खाएं
चने का सेवन भी मोटा होने के उपाय में से एक उपाय है। आप रोज सुबह खाली पेट भीगे हुए काले चने खाएं। काले चने सेहत के लिए लाभदायक होते हैं. काले चने में अधिक मात्रा में प्रोटीन होता है.


चॉकलेट खाना भी मोटा होने के उपाय में से एक हैं। चॉकलेट को भी वजन बढ़ाने के लिए कारगर माना जाता है और चॉकलेट खाकर भी आसानी से वजन को बढ़ाया जा सकता है।


खजूर
खजूर में पाए जाने वाले तत्व वजन को आसानी से बढ़ा देते हैं और खजूर की मदद से महज एक महीने के अंदर ही 2 से 4 किलो वजन बढ़ाया जा सकता है।


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कोरोना: मुस्लिम धर्मगुरुओं की अपील, शब-ए-बारात पर कब्रिस्तान न जाएं
एम्स के ट्रामा सेंटर, झज्जर स्थित कैंसर अस्पताल, बर्न व प्लास्टिक ब्लॉक में कोरोना वायरस के लिए विशेष तौर पर इंतजाम किए जा चुके हैं। साथ ही एम्स ने 150 बिस्तरों को अलग से आरक्षित कर लिया है। एम्स प्रबंधन के अनुसार कोरोना वायरस से जुड़ी हर स्थिति से निपटने के लिए वे तैयार हैं।
कर्नाटक प्रदेश औकाफ बोर्ड ने निर्देश दिया है कि 9 अप्रैल को शब ए बरात के दौरान कोई भी मस्जिद में जाकर सामूहिक प्रार्थना न करे। साथ ही पूरे प्रदेश में लोगों के दरगाह या कब्रिस्तान जाने का कार्यक्रम भी रद्द रहेगा।
उन्होंने कहा कि हम सभी मुसलमानों से अपील करते हैं कि वो शब-ए-बारात पर घर पर ही रहकर इबादत करें। वो दुआ के लिए कब्रिस्तान नहीं जाएं और घर पर रहकर ही दुआ करें।
इस बार शब-ए-बारात 8-9 अप्रैल की रात है। इस्लामी कैलेंडर में इस रात को पवित्र माना जाता है और इस मौके पर लोग मस्जिदों में इबादत करते हैं और अपने दिवंगत परिजन और रिश्तेदारों के लिए दुआ मांगने कब्रिस्तान जाते हैं।