इस बार शब-ए-बारात 8-9 अप्रैल की रात है। इस्लामी कैलेंडर में इस रात को पवित्र माना जाता है और इस मौके पर लोग मस्जिदों में इबादत करते हैं और अपने दिवंगत परिजन और रिश्तेदारों के लिए दुआ मांगने कब्रिस्तान जाते हैं।

इस बार शब-ए-बारात 8-9 अप्रैल की रात है। इस्लामी कैलेंडर में इस रात को पवित्र माना जाता है और इस मौके पर लोग मस्जिदों में इबादत करते हैं और अपने दिवंगत परिजन और रिश्तेदारों के लिए दुआ मांगने कब्रिस्तान जाते हैं।


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कोरोना: मुस्लिम धर्मगुरुओं की अपील, शब-ए-बारात पर कब्रिस्तान न जाएं
एम्स के ट्रामा सेंटर, झज्जर स्थित कैंसर अस्पताल, बर्न व प्लास्टिक ब्लॉक में कोरोना वायरस के लिए विशेष तौर पर इंतजाम किए जा चुके हैं। साथ ही एम्स ने 150 बिस्तरों को अलग से आरक्षित कर लिया है। एम्स प्रबंधन के अनुसार कोरोना वायरस से जुड़ी हर स्थिति से निपटने के लिए वे तैयार हैं।
कर्नाटक प्रदेश औकाफ बोर्ड ने निर्देश दिया है कि 9 अप्रैल को शब ए बरात के दौरान कोई भी मस्जिद में जाकर सामूहिक प्रार्थना न करे। साथ ही पूरे प्रदेश में लोगों के दरगाह या कब्रिस्तान जाने का कार्यक्रम भी रद्द रहेगा।
उन्होंने कहा कि हम सभी मुसलमानों से अपील करते हैं कि वो शब-ए-बारात पर घर पर ही रहकर इबादत करें। वो दुआ के लिए कब्रिस्तान नहीं जाएं और घर पर रहकर ही दुआ करें।